
हरियाणा. लोकसभा चुनाव के बीच बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से संकट आ गया है. यहां तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है. जिससे अब नायब सिंह सैनी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

विधायकों ने भाजपा सरकार से वापस लेते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान कर दिया है. रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के साथ निर्दलीय विधायक दादरी से सोमबीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंधर ने कांग्रेस के समर्थन देने की घोषणा कर दी है.
इस बात की जानकारी तीनों विधायकों और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. अब ऐसा माना जा रहा है कि इस सियासी घटनाक्रम से सैनी सरकार अल्पमत में आ जाएगी. जिससे सरकार पर संकट छा सकता है.
हरियाणा का सियासी समीकरण
बता दें कि हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीट हैं. यहां बहुमत का आंकड़ 46 है. लेकिन वर्तमान में यहां की दो सीटें खाली हैं. फिर भी सरकार बनाने के लिए 45 विधायकों का समर्थन चाहिए. वर्तमान में सीटों के गणित की बात करें तो समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी के खाते से 3 सीटें खिसकती नजर आ रही है. क्योंकि बीजेपी के पास 40 अपने विधायक हैं. इनके अलावा 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी (गोपाल कांडा) का समर्थन भी बीजेपी के पास है. इस लिहाज से बीजेपी सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है.
वहीं कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं. जबकि 3 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा जेजेपी के पास 10 विधायक हैं. एक विधायक INLD का है. इसके अलावा एक और निर्दलीय विधायक बचता है. यदि निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन देते हैं तो कांग्रेर की तीन सीट बढ़ जाएगी. यानी कांग्रेस 45 सीट के साथ सरकार बना सकती है. अब कांग्रेस का दावा है कि फिलहाल बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है.