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Satellite based toll tax बचाएगा समय ? टोल प्लाजा में बदलाव करने पर विचार कर रहा परिवहन मंत्रालय, हट सकते हैं बेरियर

टेक्नोलॉजी हर चीज में लोगों का समय बचा रही है. भारत भी टेक्नोलॉजिकली आगे बढ़ चुका है. नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सेटेलाइट आधारित टोल टेक्स (satellite based toll tax) वसूली शुरू होने के बाद लोगों का समय बचने का दावा किया जा रहा है. सबसे पहले टोल प्लाजा पर कैश में टोल वसूली होती थी, लेकिन इससे लंबा जाम लगता था. इसे देखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग व्यवस्था की शुरुआत की. हालांकि अब इस व्यवस्था में भी तमाम सारी खामियां सामने आ रही हैं.

कई बार फास्टैग स्कैन नहीं होता है तो कई बार फास्टैग वॉलेट में पैसा होने के बाद भी बैलेंस पर्याप्त नहीं दिखाता है, जिससे टोल प्लाजा पर बैरियर नहीं खुलते हैं और लोगों अधिक समय लगता है. इसको लेकर लोग लंबे समय से शिकायत भी कर रहे हैं. इसलिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) के जरिये टोल प्लाजा की लेन से बैरियर को हटाया जाना है. जिससे समय की बचत हो.

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पहले चरण में द्वारका एक्सप्रेसवे समेत देश के अन्य एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर जीएनएसएस (GNSS) को लेकर ट्रायल किए गए हैं, जो काफी सफल रहे हैं. अब इस व्यवस्था को लागू करने से पहले जीएनएसएस तकनीक पर काम कर रहे विशेषज्ञों के साथ रायशुमारी की जा रही है. उनके सुझावों को भी शामिल किया जाना है. इसके लिए इस माह के अंतिम सप्ताह में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस भी बुलाई गई है.

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