
बहुजन समाज पार्टी में आंतरिक रुप से खूब सियासी उठापटक चल रही है. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अपने फैसलों से अक्सर लोगों को चौकाती हैं. वे कब क्या फैसला ले लें ये तो पार्टी के जानकार लोगों को भी शायद पता नहीं रहता होगा. ऐसा ही एक फैसला उन्होंने मंगलवार को लिया है. उन्होंने दिसंबर 2023 में अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. लेकिन अब मायावती ने अपना ये निर्णय वापस ले लिया है.

मायावती ने अपने इस फैसले की जानकारी खुद अपने X से दी है. उनके इस फैसले के पीछे की वजह आकाश आनंद की अपरिपक्वता है. दरअसल, आकाश पर उनके कुछ भाषण को लेकर एक एफआईआर हो चुकी है. जिससे मायावती ने आकाश को फिलहाल इन जिम्मेदारियों से दूर रखने का निर्णय लिया है. मायावती ने अकाश को नेशनल कोओर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया है.
भाषण और एफआईआर बना पद से हटाने का कारण
आकाश के कमान संभालने के बाद उनके सामने पहला चुनाव आया है. नतीजन उन्होंने यूपी में ताबड़तोड़ 10 रैलियां की. बेहद अक्रामकता के साथ वे मैदान में उतरे. लिहाजा इसी के चलते कहीं कुछ ऐसा भी बोल गए जो नहीं बोलना था. उन्होंने अपनी रैलियों में लगातार केंद्र सरकार और प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा. इनमें से किसी भाषण को लेकर उन पर एफआईआर भी हुई. जानकारों की मानें तो मायावती भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कुछ सुनना नहीं पसंद करतीं. हालांकि विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि मायावती का ये भी सोचना है कि करियर की शुरुआत में ही आकाश का सरकार से सीधा पंगा लेना ठीक नहीं है. मायावती भी नहीं चाहतीं कि उनका उत्तराधिकारी शुरुआत में ही कोर्ट-कचहरी, एफआईआर या किसी केस के चक्कर में फंसे. इसलिए उन्होंने फिलहाल आकाश को दोनों पदों से हटा दिया है.
मायावती का ट्वीट-
मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा है कि- ‘विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है.’
इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है’
‘जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे. अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है’.
अब देखना होगा कि आकाश कब तक मायावती का विश्वास दोबारा जीत पाते हैं और कितनी जल्दी वे फिर से अपनी जिम्मेदारियों को संभाल पाते हैं.