बलौदाबाजार हिंसा : असामाजिक तत्वों और निर्दोष लोगों के बीच फर्क करे पुलिस, पूरे समाज को अपराधी ठहराना सही नहीं- सत्यनारायण शर्मा
रायपुर. बलौदाबाजार हिंसा मामले को लेकर पूर्व मंत्री और रायपुर ग्रामीण विधानसभा के पूर्व विधायक सत्यनारायण शर्मा ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पूरे समाज को दोषी ठहराने को लेकर विरोध जताया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि गिरौदपुरी धाम में जैतखाम को तोड़फोड़ कर अपवित्र करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किये जाने के लिये सतनामी समाज के लोग शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने के लिये इक्कठे हुए थे. भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी की गई. जिसके कारण पुलिस असामाजिक तत्वों और समाज के निर्दोष लोगो के बीच भेद न करते हुए पूरे सतनामी समाज को अपराधी ठहरा रहीं है.
उन्होंने किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी, मारपीट और आगजनी का विरोध करते हुए पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अराजक लोगों द्वारा किए गए कार्यो के कारण छत्तीसगढ़ पुलिस समस्त सतनामी समाज पर बर्बर तरीके से अत्याचार कर रही है. जो कि अमानवीय और मानव अधिकार का सीधा उल्लंघन है.
इसे भी पढ़ें : बलौदाबाजार हिंसा मामले में जांच आयोग का गठन, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज सी.बी. बाजपेयी करेंगे अध्यक्षता
सत्यनारायण शर्मा ने इस मामले की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर तथ्यों की सूक्ष्म जॉच कराकर निर्दोष लोगों को फंसाने और उन पर पुलिस द्वारा की जा रही अमानवीय और बर्बर कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ असामाजिक तत्वों पर कठोर से कठोर कार्रवाई किये जाने की मांग की है.