जीत का सेहरा मोदी के सिर, हार गए तो ठीकरा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ? नड्डा की इस्तीफे की अटकलें तेज, राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं शाह, रेस में शिवराज का भी नाम
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केंद्र में सरकार गठन के बीच बड़ी खबर सामने आई है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द ही बदलने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय जगत प्रकाश नड्डा इस्तीफा दे सकते हैं. जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अमित शाह और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. जानकारी के मुताबिक शाह एक बार फिर संगठन में लौट सकते हैं. अक्टूबर-नवंबर में देश के तीन बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी के संगठन को मजबूत बनाने के लिए वह फिर पुरानी भूमिका में दिख सकते हैं.
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बता दें कि अक्टूबर-नवंबर में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव होना है. इसे देखते हुए भाजपा संगठनात्मक बदलाव कर सकती है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा भी बदल सकता है. इसकी बड़ी वजह हालही में लोकसभा में खराब प्रदर्शन को भी माना जा रहा है. 400 पार का नारा फेल होने के बाद संभवत: संगठन में बड़ा उलट फेर हो सकता है.
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शाह क्यों…
लोकसभा में सीटों की संख्या कम होने के बाद से भाजपा अब राज्यों में फोकस कर सकती है. क्योंकि लोकसभा में तो मेंडेट मिल चुका है. लेकिन अब राज्यों पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होगी. जिससे की राज्यों में भाजपा मजबूत हो. ऐसे में अमित शाह सत्ता से वापस संगठन में दिख सकते हैं. क्योंकि साल 2023 में पांच राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम) में हुए चुनाव में शाह ने जबरदस्त मेहनत की थी. खासकर छत्तीसगढ़ में. यहां शाह करीब 2/3 बहुमत के साथ बैठी भूपेश सराकर को करारी हार का सामना करना पड़ा. जिसमें अमित शाह की अहम भूमिका थी.
शिवराज क्यों…
हालही में लोकसभा में मध्यप्रदेश के नतीजों ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी. यहां भाजपा ने 29 में से 29 सीटों जीतकर एकतरफा जीत दर्ज की. इसमें शिवराज सिंह चौहान की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता. इससे पहले 2023 में हुए भी विधानसभा का चुनाव भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा गया था. जिसमें भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बनाई. इस लिहाज से भी हो सकता है कि शीर्ष नेतृत्व शिवराज को भाजपा की बागडोर सौंप सकता है.
2020 में बनाए गए थे फुलटाइम अध्यक्ष
बता दें कि 2019 में जेपी नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. 2020 में उन्हें फुलटाइम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वैसे भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है और किसी भी अध्यक्ष को लगातार दो कार्यकाल ही मिल सकते हैं.
इस बीच एक सवाल ये आता है कि यदि चुनाव जीतते हैं तो श्रेय प्रधानमंत्री का होता है. 400 पार सीटें आती तो जीत का सेहरा प्रधानमंत्री के सिर सजता? लेकिन चूंकि सीटें कम आई हैं तो उसका ठीकरा राष्ट्रीय अध्यक्ष के सिर फुटता दिख रहा है.