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दिल्ली. कहते है न सियासत का ऊंट अब किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. अब वैसी ही स्थिति लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद देखने को मिल सकती है. इसके पीछे वजह है किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलना. हालांकि, एनडीए के पास दिल्ली की गद्दी में राज करने के लिए पर्याप्त सीटें मौजूद हैं, लेकिन अब सरकार बनाने के लिए कई पेंच भी फंसते नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि, कुछ पार्टी जो एनडीए में शामिल है वे भाजपा के सामने बड़ी डिमांड रख रहें हैं और अगर इनकी डिमांड पूरी न हुई तो सियासी उठापटक होना तय है. अगर ऐसा हुआ तो इंडिया गठबंधन भी सरकार बनाने का दावा ठोंक सकती है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन को 292 सीटें मिली हैं, जिसमें 240 सीटें अकेले भाजपा की है. वहीं इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिली हैं, जिसमें कांग्रेस को 99 सीटें मिली है. बहुमत के लिए 272 सीटों की जरूरत है, जो कि एनडीए के पास मौजूद है.
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सियासी बवाल उठना शुरू
जानकारी के अनुसार, एनडीए के सहयोगियों ने सरकार गठन से पहले ही बीजेपी पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है. जेडीयू ने समर्थन देने के बदले में 3 कैबिनेट मंत्रियों की मांग की है. इसके अलावा शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी 1 कैबिनेट और 2 MOS चाहते हैं. इसके अलावा चिराग पासवान 1 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर सकते हैं. जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं. इतना ही नहीं चंद्रबाबू नायडू 5 से लेकर 6 या फिर इससे ज्यादा भी मंत्रालय मांग सकते हैं.
किसके पास कितनी सीट
चंद्रबाबू नायडू -16 सीट
नीतीश कुमार-12 सीट
चिराग पासवान-5
जीतन राम मांझी-2
शिंदे गुट-7