NationalPolitics

Protem Speaker K. Suresh : कांग्रेस से के. सुरेश होंगे प्रोटेम स्पीकर, सांसदों को दिलाएंगे शपथ

देश 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरु होना है. लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker K Suresh) बनाए जाएंगे. ये सांसदों को शपथ दिलाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक कांग्रेस के सांसद के. सुरेश अस्थायी स्पीकर बनाए होंगे. 24 जून को संसद सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सांसद सुरेश को प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) पद की शपथ दिलाएंगी. जिसके बाद के. सुरेश (K. Suresh) नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे.

कौन हैं के सुरेश?

कोडिकुन्निल सुरेश (के. सुरेश) केरल की मवेलिकारा लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं. 1989 से वे लगातार यहां से सांसद चुनकर आ रहे हैं. वे अबतक 7 बार सांसद बन चुके हैं. साथ ही कांग्रेस सरकार में 2012 से 2014 तक राज्य मंत्री रहे हैं. 2018 में उन्हें केरल कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था. वे AICC के सचिव भी रह चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- कुर्सी की लड़ाई : लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखना चाहती है भाजपा, TDP या JDU को मिल सकता है उपाध्यक्ष का पद, कांग्रेस ने ये दलील देकर की पद की मांग

लोकसभा चुनाव 2024 में मवेलिकारा लोकसभा सीट पर के. सुरेश ने सीपीआई के उम्मीदवार अरुण कुमार को 10868 वोटों शिकस्त दी है. सुरेश को 3 लाख 69 हजार 516 वोट मिले. जबकि अरुण कुमार ने 3 लाख 58 हजार 648 वोट मिले थे.

क्या है प्रोटेम स्पीकर

प्रोटेम स्पीकर संसद या राज्य विधानसभाओं में कार्यवाही संचालित करने के लिए सीमित समय अवधि के लिए नियुक्त किया गया एक अस्थायी अध्यक्ष होता है. प्रोटेम स्पीकर को आम तौर पर एक नई विधानसभा या नए संसदों की पहली बैठक के लिए चुना जाता है, जहां अध्यक्ष का चुनाव होना बाकी होता है.

प्रोटेम स्पीकर पर कानून संविधान के अनुच्छेद 180(1) के तहत निर्धारित किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 180(1) में प्रावधान है कि जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो, तो कार्यालय के कर्तव्यों का पालन ‘विधानसभा या लोकसभा के ऐसे सदस्य द्वारा किया जाना चाहिए जिसे राष्ट्रपति या राज्यपाल इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करें.’

इसे भी पढ़ें – Live in relationship unnatural sex : लड़की को बिस्तर पर ले गया लड़का, जबरन सेक्स करने पर पीड़िता ने किया इनकार, फिर कुछ ऐसा हुआ कि…

प्रक्रिया-

इसके लिए कोई विशिष्ट संवैधानिक या वैधानिक प्रावधान नहीं हैं. लेकिन संवैधानिक परंपरा के अनुसार सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य (जो लंबे समय से सदन का सदस्य हो) को प्रोटेम स्पीकर के रूप में चुना जाता है.

अधिकार-

प्रोटेम स्पीकर के पास केवल विधानसभा या संसद सदस्यों को शपथ दिलाने का अधिकार है. किसी प्रोटेम स्पीकर को नई संसद या विधानसभा की शुरुआत में नियुक्त किया जाता है तो वह अनुच्छेद 188(1) के तहत वो बहुत सीमित शक्ति के साथ काम करता है.

Show More

Related Articles

Back to top button