आम लोगों का क्या कसूर ? बलौदाबाजार में उपद्रवियों का तांडव, 75 बाइक, 20 कार, 2 फायर ब्रिगेड फूंकी, कलेक्ट्रेट में भी लगाई आग, कौन करेगा भरपाई ?

बलौदाबाजार. सोमवार को सतनामी समाज के 10 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट और जिला पंचायत का घेराव कर पथराव भी किया था. वाहनों में तोड़फोड़ कर परिसर में खड़ी बाइक और बड़ी गाड़ियों में आग लगा दी थी. पुलिसकर्मियों के साथ झूमाझटकी भी हुई थी. बताया जा रहा है कि इस बीच उपद्रवियों ने करीब 75 बाइक, 20 कार और 2 फायर ब्रिगेड गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. इसी बीच कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में भी आगजनी की. जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं.

घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचे. जहां उन्होंने मौके का जायजा लिया. वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है. दरअसल, गिरौधपुरी में जैतखाम तोड़ने पर तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है. लेकिन आक्रोशित समाज के लोगों का कहना है कि जिन्हें जेल भेजा गया वे असली अपराधी नहीं है. इसलिए प्रदेश भर से सतनामी समाज के लोगों ने दशहरा मैदान में जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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गुफा में हुई थी तोड़फोड़
बता दें कि गिरौदपुरी धाम से 5 किलोमीटर दूर एक बस्ती मानाकोनी है. यहां पर पुरानी गुफा है, जो बाघिन गुफा के नाम से जानी जाती है. जहां जैतखाम और सतनामी समाज के पूजा स्थल में तोड़-फोड़ की गई थी. इसके बाद समाज के लोगों ने चक्काजाम किया था. इससे पूरे सतनामी समाज में आक्रोश है.

अब इन सबकी भरपाई कौन करेगा ?
अब ऐसे में सवाल ये आता है कि गुनाहगारों ने तो गुनाह किया है, लेकिन इन सबमें उनका क्या दोष है जिनकी गाड़ियां जला दी गईं. कई कारें फूंक दी गई. जिसे लेने के लिए किसी ने अपनी पूरी कमाई लगा दी होगी, तो कार खरीदना कई परिवारों का सपना रहा होगा. किसी की मेहनत रही होगी. इस घटना में गाड़ियों में आग नहीं लगाई गई है. बल्कि किसी की मेहनत, किसी का सपना, तो किसी की जीवन भर की कमाई को जला दिया गया है. इतना ही नहीं, इस घटना में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है अब उसकी भरपाई कौन करेगा ?