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CG में ‘शासन नहीं कुशासन’: छत्तीसगढ़ में सांय-सांय हो रहा अवैध रेत परिवहन, माफिया सत्ता का धौंस दिखाकर कर रहे गुंडई, कब तक चलेगा ये काला खेल ?

रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में रेत माफिया की गुंडई चरम पर है. माफिया 24 घंटे पैरी और महानदी के सीने को चीरकर रेत का अवैध परिवहन कर रहे हैं. हर रोज 400 से 500 से ज्यादा ट्रिप रेत का अवैध परिवहन हो रहा है. माफियाओं के गुंडई के आगे सिस्टम भी नतमस्तक नजर आ रहा है. इतना ही नहीं जब कोई अधिकारी कार्रवाई करने के लिए पहुंचता है तो सत्ता का धौंस दिखाकर उन्हें उल्टे पांव लौटने पर मजबूर किया जा रहा है. वहीं साय सरकार के सुशासन के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. इसकी बानगी रेत घाटों में देखने को मिल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किसकी शह पर काले कारोबार का खेल छत्तीसगढ़ सांय-सांय चल रहा है.

बता दें कि रेत के अवैध उत्खनन का काला कारोबार खूब फल-फूल रहा है. पैरी और अऱपा नदी के 8 अवैध घाट में चौबीसों घंटे रेत की खुदाई चल रही है. वहीं जो भी इसका विरोध करता है या उत्खनन का वीडियो बनाने पहुंचता है, माफिया उसकी जमकर पिटाई करते हैं. ऐसा ही एक यूट्यूबर के साथ भी हुआ.

जानकारी के अनुसार, राजिम में हथखोज का एक खदान माइनिंग के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन पैरी के सिंधोरी और महानदी के पिताईबंद में कई घाट बनाकर माउंटेन मशीन लगाकर अवैध उत्खनन का काला करोबार धड़ल्ले से चल रहा है. ट्रकों में रेत भरकर माफिया बिना दस्तावेज के रायपुर, भिलाई और दुर्ग में परिवहन कर रहे हैं. हर ट्रक के पीछे खदान संचालक 4500 से 7800 तक रुपए की वसूली कर रहे हैं. वहीं अधिकारियों पर जब दबाव बनता है तो मामले को दबाने के लिए छोटी-मोटी कार्रवाई कर कुछ ट्रक जब्त कर खानापूर्ति करते हैं.

वहीं जब भी कोई राजस्व का अफसर कार्रवाई के लिए पहुंचता है तो उसे सत्ता का रसूख दिखाकर उसे वापस लौटा देते हैं. जानकारी के अनुसार, कई रेत माफिया इस काले धंधे को चलाने के लिए सत्ताधारी दल में शामिल होकर अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. जिसकी वजह से पैरी नदी और महानदी में 10 से 15 फीट के गड्ढे दिखने लगे हैं.

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