अमेठी और रायबरेली का सस्पेंस खत्म ! गांधी परिवार की पारंपरिक सीट से नामांकन दाखिल कर सकते हैं राहुल और प्रियंका, इससे पहले करेंगे रामलला के दर्शन

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. दोनों नेता पार्टी की परंपरागत सीट से नामांकन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि इस पर पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों नेता 30 अप्रैल के बाद नामांकन दाखिल कर सकते हैं. जानकारी ये भी है कि इससे पहले दोनों अयोध्या में रामलला के दर्शन भी करेंगे.

बता दें कि अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है. पिछले 10 सालों मे रायबरेली सीट यूपी में कांग्रेस की एकमात्र सीट रही है. सोनिया गांधी यहां से लगातार सांसद रही हैं. अब चर्चा ये है कि राहुल और प्रियंका अमेठी और रायबरेली से मैदान में उतरने वाले हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इस ओर इशारा कर चुके हैं कि यदि दोनों उक्त जगह से यदि चुनावी मैदान में उतरते हैं तो 1 और 3 मई को दोनों नामांकन दाखिल करेंगे.
दो दशकों से जनता का भरोसा बरकरार
यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट हाई प्रोफाइल सीट है. खासकर रायबरेली यूपी में कांग्रेस की एकमात्र ऐसी सीट है जिस पर लगातार 2004 से सोनिया गांधी का कब्जा रहा है. वे लगातार 4 बार यहां से सांसद चुनकर आई हैं. यानी दो दशक से सोनिया गांधी ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा है. बीते 10 सालों में मोदी लहर में भी सोनिया पर रायबरेली के लोगों का विश्वास बना रहा.
दशकों पुराना नाता
सोनिया गांधी कुल पांच बार सांसद चुनी गईं हैं. जिसमें एक बार अमेठी से 1999 में उन्होंने जीत हासिल की थी. वहीं रायबरेली के साथ 2004 से उनका नाता है. दशकों के पारिवारिक संबंधों को छोड़कर जब सोनिया ने राज्यसभा जाने का फैसला किया तो वो काफी भावुक नजर आई थीं. क्योंकि ये सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है. सोनिया से पहले दो बार उनकी सास इंदिरा गांधी दो बार सांसद रही हैं. 1967 और 1980 में इंदिरा गांधी यहां से सांसद चुनी गई थीं.
अमेठी में करीब डेढ़ दशक तक गांधी परिवार का कब्जा
अमेठी की बात करें तो खुद राहुल गांधी यहां से तीन बार सांसद रह चुके हैं. वहीं सोनिया यहां से एक बार सांसद रही हैं. इससे पहले 1981 के उपचुनाव में राजीव गांधी ने पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1984, 1989 और 1991 में राजीव गांधी सांसद चुने गए हैं. इसके अलावा 1980 में इंदिरा गांधी के दूसरे बेटे संजय गांधी भी एक बार यहां से सांसद रह चुके हैं.