हर एक वोट कीमती है… 5 वोटर्स वाला पोलिंग बूथ, जहां पक्की सड़क तक नहीं, फिर भी पहुंचा मतदान दल, वोटिंग करने और कराने वाले तो सजग, पर वोट लेने वाले कब समझेंगे जिम्मेदारी ?

भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में मतदान कराता है. हर पोलिंग बूथ पर वोटिंग व्यवस्था से लेकर हर चीज की व्यवस्था आयोग द्वारा की जाती है. फिर चाहे ये सारे इंतजाम एक करोड़ लोगों के लिए करना हो चाहे केवल एक व्यक्ति के लिए. निर्वाचन आयोग की हमेशा पूरी कोशिश होती है कि कोई भी व्यक्ति मताधिकार से वंचित ना रह जाए. ऐसे ही एक पोलिंग बूथ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. जहां केवल 5 मतदाता ही हैं. लेकिन इनके लिए भी वही व्यवस्था की गई है जो अन्य बूथों में है.

ये मतदान केंद्र कोरिया जिले के बैकुंंठपुर विकासखंड में है. शेराडांड के इस मतदान केंद्र में सिर्फ 5 मतदाता हैं. सोमवार को कलेक्टर विनय लहंगे ने मुंह मीठा कराकर मतदान दल को रवाना किया. इस दौरान कलेक्टर ने टीम को शुभकामनाएं देते हुए लोकतंत्र में एक-एक वोट की महत्ता को बताया.
शोराडांड मतदान केंद्र में दो महिला और तीन पुरुष मतदाता ही हैं. यह मतदान केंद्र वनांचल क्षेत्र के दुर्गम इलाके में है. यहां जाने के लिए कोई पक्का रास्ता भी नहीं है. ग्राम पंचायत चंदहा से ट्रेक्टर में सवार होकर मतदान दल मतदान केंद्र तक पहुंचा. शायद इसे विडंबना ही कहेंगे कि इतनी परेशानियों के बाद, अपनी सुविधा देखे बिना अगर मतदाता और मतदान कर्मचारी अपने कर्तव्यों से मुंह नहीं मोड़ते, जनप्रतिनिधियों को चुनने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं बचते, तो भला वही जनप्रतिनिधि आखिर उसी मतदाता को सड़क जैसी मूलभूत सुविधा देने में पीछे क्यों है? मतदाता तो अपनी दायित्व समझ रहा है, लेकिन वोट लेने वाले उस वोट का कर्ज कब चुकाएंगे?