
पटना। बिहार के सियासी गलियारों में इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उठा-पटक माच रखी है. पहले इंडी गठबंधन से मनमुटाव की बात, फिर अचानक राजभवन पहुंचना, ये सारी घटनाएं कई सियासी अटकलों को जन्म दे रही है. इसी बीच अब नीतीश के करीबी रहे जीतन राम मांझी के एक बयान ने उठ रही तमाम राजनीतिक संभावनाओं को हवा दे दिया है.
दरअसल, जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो सकती है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि 25 जनवरी को खेला होबे, खेला होई और खेला होबे तो आप सब देखिएगा कि 25 तारीख के बाद कोई ना कोई खेला होगा.
इंडिया के प्रस्ताव को ना
नीतीश कुमार लंबे समय से इंडिया गठबंधन में अहम जिम्मेदारी और जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा चाहते थे. इसके बाद देर से ही सही, जब कांग्रेस ने उनका नाम संयोजक के लिए प्रस्तावित किया तो नीतीश ने इस जिम्मेदारी से मुंह फेरते हुए इनकार कर दिया है.
पीएम की तारीफ के क्या है मायने ?
वहीं बुधवार को ही नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. इसके लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद.
बता दें कि नीतीश कुमार और महागठबंधन के बीच मनमुटाव की चर्चाओं ने नीतीश की एनडीए में वापसी की खबरों को जोर दे दिया है. वहीं इस बीच बीते मंगलवार को नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की थी. जिसके बाद चर्चा का बाजार और गर्म हो या. लिहाजा इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि जानकारी ये भी है कि राज्यपाल और सीएम के बीच राजनीति संबंधित बातचीत नहीं हुई है.