Chhattisgarh

CG में लाल का मौत का फरमानः पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हेमचंद मांझी को नक्सलियों ने दी जान से मारने की धमकी, अवार्ड लौटाने का लिया फैसला…

नारायणपुर. नक्सली अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. इस बार लाल आतंक ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मशहूर चिकित्सक हेमचंद मांझी को जान से मारने की धमकी देते हुए पर्चे फेंके हैं. इसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. धमकी के बाद हेमचंद मांझी पद्मश्री पुरस्कार लौटाने देने की बात कह रहे हैं. साथ ही जड़ी-बूटियों से इलाज भी बंद करने की बात कही है.

बता दें कि रविवार रात नक्सलियों ने चमेली और गौरदंड गांवों में दो निर्माणाधीन मोबाइल टावरों में आग लगा दी और वहां मांझी को धमकी देने वाले पर्चे भी फेंके. नक्सलियों ने मांझी की एक तस्वीर पर्चे के साथ फेंकी है, जिसमें वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री पुरस्कार लेते दिख रहे हैं. पर्चे में माओवादियों ने आरोप लगाया कि मांझी ने नारायणपुर के छोटेडोंगर इलाके में आमदई घाटी लौह अयस्क परियोजना को चालू करने में मदद की थी और इसके लिए उन्हें रिश्वत मिली थी. हालांकि मांझी ने इस आरोप से इनकार किया है.

हालांकि, इससे पहले भी नक्सलियों ने मांझी पर यही आरोप लगाए थे और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. मांझी ने सोमवार को माओवादियों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने पहले ही ग्रामीणों को स्पष्ट कर दिया था कि लौह अयस्क खदान से उनका कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार से चर्चा के बाद पद्मश्री पुरस्कार लौटाने और अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति बंद करने का फैसला किया है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर जिले में लगभग 50 वर्ष से लोगों का इलाज कर रहे मांझी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से सम्मानित किया था.

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