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लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने लागू किया CAA, जानिए क्या है इस कानून को लाने की असल वजह…

दिल्ली. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया है. गृह मंत्रालय ने सीएए के नियमों को अधिसूचित कर दिया है. जब इसका बिल संसद में लाया गया था, तब इसे लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था.

बता दें कि 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास हो गया था. लेकिन नोटिफाई नहीं हो पाया था. इसमें नागरिकता कानून 1955 में संशोधन किया गया, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उत्पीड़न के कारण भागकर आने वाले अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इस कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है.

नहीं जाएगी नागरिकता

इन शरणार्थियों को 6 वर्ष के भीतर भारतीय नागरिकता दी जाएगी. संशोधन के जरिए इन शरणार्थियों के देशीकरण के लिए निवास की जरूरत को 11 साल से घटाकर 6 साल कर दिया गया. सबसे बड़ी बात CAA किसी की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है, बल्कि ये नागरिकता देने वाला कानून है.

क्या है ये नया कानून

सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसके मुताबिक, CAA नागरिकता देने का कानून है. इससे किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी, भले ही वो किसी भी धर्म का हो. यह सिर्फ उन लोगों के लिए है, उनको बरसों तक उत्पीड़न सहना पड़ा और उनके पास भारत के अलावा दुनिया में और कोई जगह नहीं है.

सरकार ने कहा, भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों को मूलभूल अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सके.

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