Chhattisgarh

CG NEWS : अवमानना मामले में CID के महानिरीक्षक और एसपी को हाईकोर्ट का नोटिस

रायपुर. न्यू राजेन्द्र नगर, रायपुर निवासी कृष्णा प्रसाद ठाकुर पुलिस मुख्यालय के सीआईडी ब्रांच में हेड कान्सटेबल के पद पर पदस्थ थे. पदस्थापना के दौरान उनके खिलाफ जारी वेतन से वसूली आदेश को हाईकोर्ट, बिलासपुर द्वारा इस आधार पर कि तृतीय श्रेणी, शासकीय कर्मचारी को वेतन विसंगती के आधार पर वसूली आदेश जारी नहीं किया जा सकता है, इस आधार पर वसूली आदेश पर स्थगन कर दिया गया और इसके साथ ही हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद याचिकाकर्ता को वसूली राशि को रोककर अन्य समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान करने का आदेश जारी किया गया,

लेकिन हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन ना किये जाने से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के सामने अवमानना याचिका दायर की गई. अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क रखा कि हाईकोर्ट, बिलासपुर द्वारा पारित आदेश के परिपालन में पुलिस अधिकारियों द्वारा वसूली राशि को रोककर अन्य समस्त सेवानिवृत्ति देयक का याचिकाकर्ता को भुगतान ना कर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की घोर अवमानना की गई है.

चुंकि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा पारित आदेशों का निर्धारित समयावधी में पालन ना किये जाने से उच्च न्यायालय में अवमानना याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है उच्च न्यायालय का 11 ( एक एक मिनट का समय अत्यन्त कीमती होता है. जो कि ज्यादातर अवमानना याचिकाओं की सुनवाई में व्यर्थ हो जाता है. चुंकि न्यायालय अवमाननना अधिनियम 1971 के उपनियम 12 में न्यायालय के आदेश की अवमानना पर 6 महीने की सजा और 2000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. उच्च न्यायालय के आदेशों का समयसीमा में पालन कराए जाने और उच्च न्यायालय का कीमती समय बचाये जाने के लिए अवमानना याचिकाओं में अधिकारियों को दण्डित किया जाना आवश्यक है.

इस पर उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए आईजीपी (सीआईडी) एसपी (सीआईडी) रायपुर को तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.

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