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जय बद्रीविशाल… मंत्रोच्चार के बीच खुले भगवान बद्रीनारायण के कपाट, अखण्ड ज्योति के हुए दर्शन, लगा श्रद्धालुओं का तांता, देखिए VIDEO

उत्तराखंड. बाबा केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बाद आज भगवान बद्रीविशाल के भी कपाट खुल गए. वेद मंत्रो के उच्चारण के बीच विधि-विधान से भगवान बद्री नारायण के मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे. साथ ही सेना के बैंड की धुन और भक्तों के जयकारों से क्षेत्र गूंज उठा.

मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सुबह 6 बजे के कपाट खोले गए. जिसमें सबसे पहले अखण्ड ज्योति के दर्शन हुए. ये अखण्ड ज्योत पट बंद करते समय जलाई जाती है. इसके बाद मंदिर के कपाट 6 महीनों के लिए बंद हो जाते हैं. इस बीच लगातार 6 महीनों तक अखण्ड ज्योति जलती रहती है. वहीं इसके बाद भगवान को ओढ़ाए गए घृत कंबल को उतारा गया. जिसके बाद भगवान का अभिषेक किया गया. पूरी विधि होने के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया.

पालकी में पहुंचे गरुड़ जी और आदि शंकराचार्य जी की गद्दी

कपाटोद्घाटन के लिए मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. इससे पहले 11 मई को सुबह भगवान बद्रीनाथ की डोली पांडुकेश्वर मंदिर से रवाना हुई थी. पालकी में गरुड़ जी और आदि शंकराचार्य जी की गद्दी मंदिर पहुंची. पांडुकेश्वर मंदिर से डोली में कुबेर और उद्धव जी की चलित प्रतिमा भी मंदिर पहुंची थी.

कपाटोद्घाटन में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

तीन चाबियों से खोला गया कपाट

मंदिर के कपाट का ताला तीन चाबियों से खोला गया. ये चाबियं ती प्रमुख लोगों के पास होती है. जिन्हें हक-हकूकधारी कहा जाता है. इनमें एक टिहरी राजदरबार, दूसरी चाबी बद्री-केदार मंदिर समिति और तीसरी चाबी बद्रीनाथ धाम के रावल और पुजारियों के पास होती है.

सेना के बैंड पर झुमे स्थानीय और श्रद्धालु

दर्शन के लिए पहुंचे 20 हजार श्रद्धालु

कपाटोद्घाटन पर करीब 20 हजार भक्त पहले ही बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके हैं. ये सभी भगवान बद्रीनारायण के दर्शन करेंगे. बता दें कि बद्रीनाथ धाम का सनातन धर्म में बहुत महत्व है. ये भारत के चार धामों में से एक धाम है. भारत के चारो कोनों में ये चार धाम बसे हुए हैं. जिनमें श्री बद्रीनाथ धाम, श्री जगन्नाथ पुरी, श्री रामेश्वरम (तमिलनाडु) और श्री द्वारिकाधीश मंदिर (गुजरात) शामिल है.

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